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चाहता था रहना तन्हा मैं, इसीलिये तो जाके दूर सोया था नही पसंद थी भीड़ दुनियादारी की, मैं अपनी ही दुनिया मे खोया था कोई करें समय खराब ...
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लेडी फिंगर एक अध्यापक के मन में एक दिन हरी सब्जी खाने का ख्याल आया तो उसने कक्षा में से एक कमजोर से बच्चे को बुलाया हुआ कुछ यूँ अध्य...
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हर रोज़ दुनियाँ बदलने की सोच लेता हूँ मैं पर अब तक क्यों खुद को न बदल पाया हूँ बन चुका हूँ कितना नादां मैं ,किसको बदलू रोशनी है दु...
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याद आता है समय अब वो जब बिन दोस्त शाम नही कटती थी था छोटा सा मैं पर दुनियॉ मुझसे भी छोटी लगती थी वो स्कूल का मस्ती भरा रस्ता, था कच्चा...
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अब तो बता दे जिंदगी __________________ बता दें जिंदगी तू, कितना और मुझे भटकाएगी सताया है तूने खूब कितना और अब सताएगी कितने तूने खेल...
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हिन्द देश है तन हमारा हिन्दी हमारी जान है इसी से धड़कता है ये दिल इसी से हमारा मान है ! रखती है हमें बांधकर एक सुगंधित माला में सीखते ...
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उस पल का इंतजार है आजकल जो कुछ चल रहा है उसमे देखने में आता है कि आप किसी को कंकड़ मारो तो बदले में आपको सौ प्रतिशत प्रतुत्तर में पत्थर मिल...
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Wednesday, February 7, 2018
एक नये ठिकाने की ओर
उड़ ले पंछी अब तू
जितना नसीब था तेरा यहाँ
जितना वक्त था तेरा यहाँ
सब हुआ वो पूरा
रह गया हो चाहे
कोई काम तेरा अधूरा
तलाश कोई नया पेड़ अब तू
तलाश अब नया पेड़ अब तू
इस बगीचे में तो
कोई आकर बसेगा
सुनकर बाते तेरी कोई
तुझ पर खूब हँसेगा
पर क्या है उससे
फितरत है दुनियाँ की ये
जो गुण गाती है बस पास ही
पीछे से तोड़ती है ये विश्वास ही
पर घबराना मत तू कभी
तूने जो छोड़े है यहाँ निशाँ
वक्त लगेगा लोगों को
उनको बिल्कुल मिटाने में
जो मेहनत की थी तूने
उन निशानों को बनाने में
भूल जाना तू भी
इसको दूसरो की तरह
नये ठिकाने पर लग जाना
नए निशाने बनाने को
क्योंकि लोगों को जरूरत पड़ेगी
नए निशानों को मिटाने की
और कोई तो चीज रहनी चाहिये
तेरे जाने बाद मिटाने की
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