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Thursday, December 15, 2016

तू ही रोशनी है ,तू ही चाँद है
खुदा से मेरा ,तू ही संवाद है

मैं तो ठहरा एक बंजर भूमि
तू ही उर्वरता , तू ही खाद है

हरपल रहती हो,इस दिल में
दूरी ही बस एक अपवाद है

सबसे है दोस्ती , तेरे कारण
किसी से न  कोई  विवाद है

तू ही है प्रार्थना रब से   मेरी
तू ही भगवन  का  प्रसाद है

रोज़ " तू ही धड़के  दिल में
तुझसे ही दिल ये आबाद है

Monday, December 5, 2016

जिंदगी तो है इक खेल निराला
अब ये  खेल तो हमें  खेलना है
माना कठिन  समय  आजकल
पर आगे तो इसको धकेलना है

पल पल क्यों बदलता  रहता है
बिन मतलब के चलता रहता है
रोक न पाये कोई इसे कभी भी
हरदम क्यों ये मचलता रहता है
हो जाओ सब मजबूत साथियों
न जाने कितना और झेलना  है
जिंदगी है............

मिल कर सब इसके साथ चलो
हाथो में डाल सब ये हाथ चलो
छोड़ के झगडे अपने  अब तुम
डाल नाक  में इसके नाथ चलो
हो जाये जिंदगी रंगीन  सबकी
ऐसा रंग कोई तुम्हे  उड़ेलना है
जिंदगी तो है......

चौंकें ये ऐसा कोई काम कर दो
ग़म सबके तुम  मिलके  हर दो
फैला  दो  खुशियाँ  ही खुशियाँ
हर किसी की झोली ये  भर दो
मुश्किल नही तुम्हारे लिये कुछ
करनी नही   कोई अवेहलना है
जिंदगी तो है.......

जीवन है जैसा  आगे  बढाना है
नित नई   मंजिल इसे चढ़ाना है
करके कुछ जतन आज  ही इसे
आसमान तक अब यूँ चढाना है
कोई भी बहाना तुम्हे "उज्ज्वल "
इससे बचने का  नही  पेलना है
जिंदगी तो है........

जिंदगी तो है इक खेल निराला
अब ये  खेल तो हमें  खेलना है
माना कठिन  समय  आजकल
पर आगे तो इसको धकेलना है

आँखो में  नींद नही है
दिल  में  प्यार  नही है

बाँट ले दर्द  मेरा आज
ऐसा कोई  यार नही है

हंस लू  खिलखिला के
ऐसा कोई  वार नही है

काट दे इस तन्हाई को
ऐसा   हथियार नही है

बेरुही सी हुई जिंदगी
उसका आकार नही है

बैचेनी इतनी कि मानो
जीवन साकार  नही है

चूक रहे है  हर  निशाने
छुरीमें अब धार नही है

पता नी क्यों  खिन्न हूँ
किसीसे तकरार नही है

चलता रह तू ,चलता  रह तू  साथी रे
जीतेगा जहाँ, तू सिकंदर की भाँति रे
नाम हर जगह ,होता  है  विजेता का
गीत दुनियाँ , सिर्फ  जीत के गाती रे
चलता रह तू............................

सच्चा प्रयास ,व्यर्थ कभी ना जाता रे
कोशिश वाला ,हर बार जीत जाता रे
होती है बिछड़न ,अपनो से थोड़ी सी
पर अंत में,सब कुछ है मिल जाता रे
लगती थी बिछड़न, जो  तुझको बुरी
संग कामयाबी ,है बहुत वो सुहाती रे
चलता रह तू............................

है तेरे पासअब , हौंसले का भंडार रे
है साथ खड़ा , तेरे  सारा  परिवार  रे
दूर नही है , कोई भी  मंजिल  तुझसे
है बढाना तुझे,क़दम बस एक बार रे
निडर होकर , चल पड़ता जो  सीधा
कोई बाधा , उसको न रोक  पाती  रे
चलता रह तू...........................

जीत ले तू , जिंदगी  की  हर जंग रे
चाहे कोई न हो,अंत तक तेरे संग रे
अंधकार सा ,फैला है चारों और जो
भर दे अब,उसमे रंग बिरंगे तू रंग रे
माना उजड़ी सी , बंजर  भूमि  है ये
पर बंजर में ही , हरियाली  आती रे
चलता रह तू...........................

होने वाला है , अद्भुत एक सवेरा रे
आने वाला समय ,बस होगा तेरा रे
ये है सबकुछ, तेरी मेहनत का फल
याद रखना , थोड़ा  सहयोग मेरा रे
नही भूलना ,  किसी को 'उज्ज्वल '
संग हो अपने,खुशियाँ बढ़ जाती रे
चलता रह तू..........................

चलता रह तू ,चलता  रह तू  साथी रे
जीतेगा जहाँ, तू सिकंदर की भाँति रे
नाम हर जगह ,होता  है  विजेता का
गीत दुनियाँ , सिर्फ  जीत के गाती रे

संजय किरमारा 'उज्ज्वल '