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Thursday, December 17, 2015

अब तो बता दे जिंदगी
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बता  दें जिंदगी तू, कितना और मुझे भटकाएगी
सताया  है तूने  खूब कितना और अब सताएगी

कितने  तूने  खेले  खेल , छुड़ा  दिये सब अपने
बना बहाना सफलता का , तुड़ा दिये सब सपने
सूखी  होली सूखी दिवाली,सब सूखे लगे लगने
अब तो बता दें हमें , कितना और हमें रुलाएगी
बता दें जिंदगी ................

छूटे  दोस्त , खेल ,रिश्ते और छूट  गया घर बार
नही  था  कोई दोष में,पर करवा दिया तड़ीपार
भुला दिया गाँव मेरा और भुलवा दिया परिवार
दंड दिया खूब कितना वनवास और कटवाएगी
बता दे जिंदगी ...........

हँसाके थोड़ा  सा  मुझको कितना  रूला लिया
करके घर से दूर मुझको, सबसे तूने भुला दिया
देके चंद   खुशियाँ , हजारों गमों से मिला दिया
कब दूर होंगे ग़म ये  और खुशियाँ कब आयेंगी
बता दें जिंदगी ..............

छोड़ के जिद  अपनी, सुलह  अब मुझसे कर ले
हो गया हूँ परेशां  बहुत,अब तो आने मुझे घर दे
भूल जा खताए सब खुश रहने का कोई हुनर दे
कुछ कर संजू  तभी ये जिंदगी खुशियाँ लायेंगी
बता दे जिंदगी .............

बता  दें जिंदगी तू, कितना और मुझे भटकाएगी
सताया  है तूने  खूब कितना और अब सताएगी

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