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लेडी फिंगर एक अध्यापक के मन में एक दिन हरी सब्जी खाने का ख्याल आया तो उसने कक्षा में से एक कमजोर से बच्चे को बुलाया हुआ कुछ यूँ अध्य...
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चाहता था रहना तन्हा मैं, इसीलिये तो जाके दूर सोया था नही पसंद थी भीड़ दुनियादारी की, मैं अपनी ही दुनिया मे खोया था कोई करें समय खराब ...
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1. पानी सा निर्मल है वो और पर्वत सा कठोर करता सारा दिन काम नही करता कोई शोर खुद के सपने छोड़कर धूप आँधी में दौड़कर हमे ...
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अब तो बता दे जिंदगी __________________ बता दें जिंदगी तू, कितना और मुझे भटकाएगी सताया है तूने खूब कितना और अब सताएगी कितने तूने खेल...
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हर रोज़ दुनियाँ बदलने की सोच लेता हूँ मैं पर अब तक क्यों खुद को न बदल पाया हूँ बन चुका हूँ कितना नादां मैं ,किसको बदलू रोशनी है दु...
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याद आता है समय अब वो जब बिन दोस्त शाम नही कटती थी था छोटा सा मैं पर दुनियॉ मुझसे भी छोटी लगती थी वो स्कूल का मस्ती भरा रस्ता, था कच्चा...
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वो सात दिन किसी कोने में है मेथ मेजिक तो किसी कोने में है लुकिंग अराउंड क्या उत्सव है आवडी में आज हर कोने से आ रहा है अजीब साउंड कुछ को...
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हिन्द देश है तन हमारा हिन्दी हमारी जान है इसी से धड़कता है ये दिल इसी से हमारा मान है ! रखती है हमें बांधकर एक सुगंधित माला में सीखते ...
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Thursday, December 17, 2015
बसने लगी बस्तियां अलग, सब साथ रह जाते
छोटी - मोटी मुशीबतों को,मिलकर हम सह जाते
चहुंओर फैलाकर भाईचारा,करते संग सब गुजारा
बन एक दूजे का प्यारा, प्रेम की दरिया में बह जाते
सब गले लगके मिलते, बगीचे के फूलों से खिलते
किसी के हिलाने से न हिलते, इकठ्ठे यहाँ रह जाते
मानवता का पाठ पढाके,नेक रास्ते सबको चलाके
दूसरों को अपने साथ चलाके,बढ़ने की कह जाते
नफ़रत को मिटाके,अज्ञानता का अँधेरा हटाके
शिक्षा की ज्योत ज़लाके,संजू अलग सतह पाते
बसने लगी बस्तियां अलग , सब साथ रह जाते
छोटी -मोटी मुशीबतों को,मिलकर हम सह जाते
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