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Thursday, December 15, 2016

तू ही रोशनी है ,तू ही चाँद है
खुदा से मेरा ,तू ही संवाद है

मैं तो ठहरा एक बंजर भूमि
तू ही उर्वरता , तू ही खाद है

हरपल रहती हो,इस दिल में
दूरी ही बस एक अपवाद है

सबसे है दोस्ती , तेरे कारण
किसी से न  कोई  विवाद है

तू ही है प्रार्थना रब से   मेरी
तू ही भगवन  का  प्रसाद है

रोज़ " तू ही धड़के  दिल में
तुझसे ही दिल ये आबाद है

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