Popular Posts

About

Random Posts

Labels

News

Design

Pages

Powered by Blogger.

Popular Posts

Saturday, November 21, 2015

ए मेरी  धरती , ए मेरे घर
अब  मुझको  तू  बुला ले
थक  चूका  हूँ बहुत अब
अपने आँचल में सुला ले

आता  है  याद  बहुत  तू
पूरा   ही  दिन  खलता है
मन  तेरे  विरह  में   अब
ये  सारा  दिन  जलता है
थी  जितनी  भी  खताये
सबको  तू  अब भुला ले
थक चुका ..............

नही   लगता अब  सफर
ये अब  पहले सा सुहाना
नही  दिखता  अपनापन
क्यूँ  लगता  सब बेगाना
देदो सजा चाहे कोई तुम
चाहे  पास बैठा रूला ले
थक चुका ...............

दूरियों  का  गड्डा अब तो
होता ही जा रहा है गहरा
चेहरे की इस मुस्कान पर
लग  चुका  है  एक पहरा
तोड़  दो  अब  पहरे सारे
बंधन  सारे  ये  धुला   ले
थक चुका ...............

ढूंढ़ता  ही रहता हूँ हरदम
घर आने का  कोई बहाना
चाहता  रहता   हूँ अब तो
हरपल  तेरे ही पास आना
भेजो  बुलावा कोई जल्दी
कहीं  "संजू "तुझे भुला ले
थक चुका ....................

ए   मेरी  धरती , ए मेरे घर
अब   मुझको   तू  बुला ले
थक   चूका   हूँ बहुत अब
अपने   आँचल में सुला ले

0 comments: