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Monday, August 10, 2015

तुम्हारे ख्वाबो  को हकीकत में,
मैं सजाना चाहता हूं ,
चलते रहना साथ हमारे,
तुम्हे जन्नत  दिखाना  चाहता हूं

बैठा के नजरो के सामने
जी भर देखना,
कभी नज़रे मिलाना कभी
नज़रे और नजारे चुराना चाहता हूं

खता हमसे होने पर
गर रूठ जाओ तुम
तो सुनाके प्यारी पंक्तियां
तुम्हे मनाना  चाहता हूं

बैठकर आमने सामने
किस्सा कोई प्रेम का
सुनने को तुमसे और
तुम्हे सुनाना  चाहता हूं

थी खताये और गलतफहमियां
हमारे बिच जितने भी"संजू " 
पास बैठकर उन
सबको भुलाना चाहता हूं

तुम्हारे ख्वाबों को हकीकत में,
मै सजाना चाहता हूं,
चलते रहना साथ हमारे,
तुम्हे जन्नत दिखाना चाहता हूं !

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